Friday, May 23, 2014

Life is Just a Life: क्षणिका - इन्तजार

Life is Just a Life: क्षणिका - इन्तजार:

क्षणिका - इन्तजार

पाना
केवल पलभर का ...
और इन्तजार की हद क्या है ?
क्यों
एक पल से
काम चलाऊं ...
सदियों के
इन्तजार से


बेहतर क्या है?
-- नीरज द्विवेदी 

No comments:

Post a Comment

My Projects

  • J2EE Online entertainment world(fully running)

My Blog List